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Wednesday, May 6, 2015

उत्तम आचरण,




उत्तम आचरण, उत्तम गुण, ह्रदय के उत्तम भाव, इश्वर की भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार और धर्मं का पालन करना- अमृत पान के सामान है और यह अमृत मिलता है सत्संग के माध्यम से।

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