| कुछ रत्न हैं कुछ काँच हैं; काँच की थोड़ी देर के लिए हीरे जैसी चमक हो सकती है लेकिन ज़्यादा देर तक बरकरार नहीं रहती! और असली हीरा वो जिसके लाखों साल बीत जाने के बाद भी उसकी चमक में कभी कमी नहीं आती! जिसके अंदर अपने विचारों की चमक है; सीधांत वाला, निखारने वाला कोई आदमी है, कैसी ही स्थिति रहे उसकी चमक बरकरार रहती है! बल्कि जब परीक्षा का समय आता है, घिसने का समय आता है उनकी चमक और बड जाती है ! OM GURUVE NAMAH!!! |
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